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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना जमाना क्या कहता है, अब कोई मतलब नहीं रहा, सिर्फ तन्हाई है साथ मेरे, और कोई याद नहीं रहा। मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है। जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ…” “जिसके लिए https://youtu.be/Lug0ffByUck

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