तो आइए सुनते हैं हनुमान चालीसा. हनुमान चालीसा तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥ बुद्धिहीन तनु जानिकै, सुमिरौं पवन-कुमार। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप । यह भी पढ़ें इंदौर के पितरेश्वर हनुमान धाम का इतिहास... By reciting Hanuman https://griffinxgkwo.like-blogs.com/29265286/examine-this-report-on-hanuman-chalisa-lyrics